श्री रामाष्टोत्तर शत नामावलि
ॐ श्रीरामाय नमः
ॐ रामभद्राय नमः
ॐ रामचन्द्राय नमः
ॐ शाश्वताय नमः
ॐ राजीवलोचनाय नमः
ॐ श्रीमते नमः
ॐ राजेन्द्राय नमः
ॐ रघुपुङ्गवाय नमः
ॐ जानकिवल्लभाय नमः
ॐ जैत्राय नमः ॥ 10 ॥
ॐ जितामित्राय नमः
ॐ जनार्धनाय नमः
ॐ विश्वामित्रप्रियाय नमः
ॐ दान्तय नमः
ॐ शरनत्राण तत्सराय नमः
ॐ वालिप्रमदनाय नमः
ॐ वङ्ग्मिने नमः
ॐ सत्यवाचे नमः
ॐ सत्यविक्रमाय नमः
ॐ सत्यव्रताय नमः ॥ 20 ॥
ॐ व्रतधराय नमः
ॐ सदाहनुमदाश्रिताय नमः
ॐ कोसलेयाय नमः
ॐ खरध्वसिने नमः
ॐ विराधवधपन्दिताय नमः
ॐ विभि ष णपरित्राणाय नमः
ॐ हरकोदण्ड खण्ड नाय नमः
ॐ सप्तताल प्रभेत्यै नमः
ॐ दशग्रीवशिरोहराय नमः
ॐ जामदग्न्यमहाधर्पदलनाय नमः ॥ 30 ॥
ॐ तातकान्तकाय नमः
ॐ वेदान्त साराय नमः
ॐ वेदात्मने नमः
ॐ भवरोगास्यभे षजाय नमः
ॐ त्रिमूर्त ये नमः
ॐ त्रिगुणात्मकाय नमः
ॐ त्रिलोकात्मने नमः ॥ 40 ॥
ॐ त्रिलोकरक्षकाय नमः
ॐ धन्विने नमः
ॐ दण्ड कारण्यवर्तनाय नमः
ॐ अहल्याशापशमनाय नमः
ॐ पितृ भक्ताय नमः
ॐ वरप्रदाय नमः
ॐ जितेओद्रि याय नमः
ॐ जितक्रोथाय नमः
ॐ जित मित्राय नमः
ॐ जगद्गुरवे नमः ॥ 50॥
ॐ वृक्षवानरसङ्घाते नमः
ॐ चित्रकुटसमाश्रये नमः
ॐ जयन्त त्राणवर दाय नमः
ॐ सुमित्रापुत्र सेविताय नमः
ॐ सर्वदेवाद् देवाय नमः
ॐ मृत वानरजीवनाय नमः
ॐ मायामारी चहन्त्रे नमः
ॐ महादेवाय नमः
ॐ महाभुजाय नमः
ॐ सर्वदे वस्तुताय नमः ॥ 60 ॥
ॐ सौम्याय नमः
ॐ ब्रह्मण्याय नमः
ॐ मुनिसंस्तुताय नमः
ॐ महायोगिने नमः
ॐ महोदराय नमः
ॐ सुग्रीवे प्सित राज्यदाय नमः
ॐ सर्व पुण्यादेक फलिने नमः
ॐ स्म्रुत स्सर्वोघनाशनाय नमः
ॐ आदि पुरुषाय नमः
ॐ परमपुरुषाय नमः
ॐ महा पुरुषाय नमः ॥ 70 ॥
ॐ पुण्योद याय नमः
ॐ दयासाराय नमः
ॐ पुरुषोत्तमाय नमः
ॐ स्मितवक्त्त्राय नमः
ॐ अमित भाषिणे नमः
ॐ पूर्वभाषिणे नमः
ॐ राघवाय नमः
ॐ अनन्त गुण गम्भीराय नमः
ॐ धीरोदात्त गुणोत्तमाय नमः ॥ 80 ॥
ॐ मायामानुषचारित्राय नमः
ॐ महादेवादि पूजिताय नमः
ॐ सेतुकृते नमः
ॐ जितवाराशिये नमः
ॐ सर्व तीर्द मयाय नमः
ॐ हरये नमः
ॐ श्यामाङ्गाय नमः
ॐ सुन्द राय नमः
ॐ शूराय नमः
ॐ पीत वासने नमः ॥ 90 ॥
ॐ धनुर्ध राय नमः
ॐ सर्वयज्ञाधीपाय नमः
ॐ यज्विने नमः
ॐ जरामरण वर्ण ताय नमः
ॐ विभेषणप्रतिष्टात्रे नमः
ॐ सर्वावगुनवर्ण ताय नमः
ॐ परमात्मने नमः
ॐ परस्मै ब्रह्मणे नमः
ॐ सचिदानन्दाय नमः
ॐ परस्मैज्योति षे नमः ॥ 100 ॥
ॐ परस्मै धाम्ने नमः
ॐ पराकाशाय नमः
ॐ परात्सराय नमः
ॐ परेशाय नमः
ॐ पाराय नमः
ॐ सर्वदे वत्मकाय नमः
ॐ परस्मै नमः ॥ 108 ॥