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अन्नमय्य कीर्तन मनुजुडै पुट्टि

मनुजुडै पुट्टि मनुजुनि सेविञ्चि
अनुदिनमुनु दुःखमन्दनेला ॥

जुट्टेडु कडुपुकै चोरनि चोट्लु जोच्चि
पट्टेडु कूटिकै बतिमालि ।
पुट्टिन चोटिके पोरलि मनसुवेट्टि
वट्टि लम्पटमु वदलनेरडुगान ॥

अन्दरिलो पुट्टि अन्दरिलो चेरि
अन्दरि रूपमुलटु तानै ।
अन्दमैन श्री वेङ्कटाद्रीशु सेविञ्चि
अन्दरानि पद मन्देनटुगान ॥